Gandmool Nakshtra effect: ये 6 नक्षत्र होते हैं गण्डमूल नक्षत्र, जानें प्रभाव और उपाय | Boldsky

  • 5 years ago
Ancient vedic scriptures such as Jataka Parijata, Brihat Parashara Hora Shastra, Jataka Bharanam etc have given a detailed description of Gandmool Nakshatra and its effects on a native’s life. The effects of Gandmool Nakshatra is different at each stage. Watch here Jyotishacharya Ajay Dwivedi Ji talking about the Gandmool Nakshtra and its effects in detail. Watch the video to know more.

शास्त्रों में नक्षत्र भी कई प्रकार के होते है। जैसे अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। इन नक्षत्रों का लोगों के जीवन में भी बहुत प्रभाव पड़ता है। कुछ नक्षत्र कोमल होते हैं कुछ कठोर और कुछ उग्र होते हैं . उग्र और तीक्ष्ण स्वभाव वाले नक्षत्रों को ही मूल नक्षत्र , सतैसा या गण्डात कहा जाता है. जब बालक इन नक्षत्रों में जन्म लेता है तो विशेष तरह के प्रभाव देखने में आते हैं. इन नक्षत्रों में जन्म लेने का असर सीधा बच्चे के स्वभाव और स्वास्थ्य पर पड़ता है. आइये आचार्य अजय द्विवेदी जी से जानते हैं की 27 नक्षत्रों में से कौन से 6 नक्षत्र, गण्डमूल नक्षत्र कहलाते हैं, साथ ही जानेंगे इनके प्रभाव और उपाय...

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