योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर पर सुनवाई टालने की अपील को लेकर भी राहुल गांधी को घेरा। इधर, इस अपील के बाद ये कहने वाले कपिल सिब्बल के खिलाफ कुछ सबूत सामने आए कि वो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील नहीं हैं। कल कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री को नसीहत दे दी थी कि वो पहले जानकारी लेते फिर उन्हें सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील कहते। लेकिन इंडिया न्यूज़ संवाददाता आशीष सिन्हा के हाथ कुछ ऐसे दस्तावेज आए जो सिब्बल की सफाई पर सवाल खड़ा करते हैं। ये दो appearance slip हैं और दोनों में ही कपिल सिब्बल का नाम सबसे ऊपर दर्ज है। पहली स्लिप में कपिल सिब्बल का नाम जफरयाब जिलानी जैसे वकीलों के साथ है। दूसरी स्लिप में उनका नाम शाहिद रिजवी के साथ है जो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील हैं। अगर सिब्बल ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी नहीं की तो स्लिप में उनका नाम क्यों है? अगर वो सिर्फ इकबाल अंसारी की ओर से ही पेश हुए थे तो क्या उनका नाम इन पर्चियों में होना चाहिए था?