*** दूसरों के अधीन सुख नहीं मिलता:An inspirational story
एक बहुत मेहनती किसान था। कड़कती धूप में उसने और उसके परिवार के अन्य सदस्यों ने रात दिन खेतों में काम किया और परिणाम स्वरूप बहुत अच्छी फ़सल हुई। अपने हरे भरे खेतों को देख कर उसे प्रसन्नता हो रही थी,क्योंकि फसल काटने का समय आ गया था। इसी बीच उसके खेत में एक चिड़िया ने एक घौंसला बना लिया था। उसके नन्हें मुन्ने चूज़े अभी बहुत छोटे थे। एक दिन वो किसान अपने बेटे के साथ खेत पर आया और बोला, बेटा ऐसा करो कि अपने सभी रिश्तेदारों को निमन्त्रण दो कि वो अगले शनिवार को आकर फ़सल काटने में हमारी सहायता करें। ये सुनकर चिड़िया के बच्चे बहुत घबराए और माँ से कहने लगे कि हमारा क्या होगा। अभी तो हमारे पर भी पूरी तरह से उड़ने लायक नहीं हुए हैं। चिड़िया ने कहा, तुम चिन्ता मत करो। जो इन्सान दूसरे के सहारे रहता है उसकी कोई मदद नहीं करता। अगले शनिवार को जब बाप बेटे खेत पर पहुचे तो वहाँ कोई भी रिश्तेदार नहीं पहुँचा था।
दोनों को बहुत निराशा हुई किसान ने अपने बेटे से कहा कि लगता है हमारे रिश्तेदार हमारे से ईर्ष्या करते हैं, इसीलिए नहीं आए। अब तुम सब मित्रों को ऐसा ही निमन्त्रण अगले हफ़्ते के लिए दे दो। चिड़िया और उसके बच्चों की वही कहानी फिर दोहराई गई और चिड़िया ने वही जवाब दिया।
दोनों को बहुत निराशा हुई किसान ने अपने बेटे से कहा कि लगता है हमारे रिश्तेदार हमारे से ईर्ष्या करते हैं, इसीलिए नहीं आए। अब तुम सब मित्रों को ऐसा ही निमन्त्रण अगले हफ़्ते के लिए दे दो। चिड़िया और उसके बच्चों की वही कहानी फिर दोहराई गई और चिड़िया ने वही जवाब दिया।
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