मेरा बेटा शहीद हो गया, लेकिन अपने बच्चों को सेना में भेजना बंद ना करें-औरंगजेब के पिता की भावुक अपील
- 6 years ago
J&K Pulwama firing: My son died, but dont stop sending your own to Army, Aurangzeb father
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को ईद की छुट्टी पर घर जा रहे सेना के जवान औरंगजेब को आतंकियों ने पहले अगवा किया और उसके बाद बेरहमी से हत्या कर दी। जवान बेटा खोने वाले पूर्व फौजी मोहम्मद हनीफ का दिल बेटे के गम से भरा है। जुबां पर दर्द है और सीने में दुश्मन से बदला लेने की आग भी। गुस्से से भरे मोहम्मद हनीफ ने सरकार को चेतावनी दे डाली है कि अगर 72 घंटे में बदला नहीं लिया गया तो वह खुद बंदूक उठा लेंगे। आंखों में आंसू लिए बेटे के शव का इंतजार करते हुए शहीद औरंगजेब के पिता ने ईद पर कश्मीरियों से अपील करते हुए कहा, 'मेरा बेटा चला गया, लेकिन अगर मौत के डर से सभी लोग अपने बच्चों को सेना में भेजना बंद कर देंगे तो देश के लिए कौन लड़ेगा?' मेंढर-पुंछ रोड पर स्थित सलानी गांव में एक पेड़ नीचे बैठे थे मोहम्मद हनीफ, जब उन्होंने ईद पर देश के नाम यह पैगाम दिया। वह अपने 24 साल के बेटे का शव आने का इंतजार कर रहे थे।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को ईद की छुट्टी पर घर जा रहे सेना के जवान औरंगजेब को आतंकियों ने पहले अगवा किया और उसके बाद बेरहमी से हत्या कर दी। जवान बेटा खोने वाले पूर्व फौजी मोहम्मद हनीफ का दिल बेटे के गम से भरा है। जुबां पर दर्द है और सीने में दुश्मन से बदला लेने की आग भी। गुस्से से भरे मोहम्मद हनीफ ने सरकार को चेतावनी दे डाली है कि अगर 72 घंटे में बदला नहीं लिया गया तो वह खुद बंदूक उठा लेंगे। आंखों में आंसू लिए बेटे के शव का इंतजार करते हुए शहीद औरंगजेब के पिता ने ईद पर कश्मीरियों से अपील करते हुए कहा, 'मेरा बेटा चला गया, लेकिन अगर मौत के डर से सभी लोग अपने बच्चों को सेना में भेजना बंद कर देंगे तो देश के लिए कौन लड़ेगा?' मेंढर-पुंछ रोड पर स्थित सलानी गांव में एक पेड़ नीचे बैठे थे मोहम्मद हनीफ, जब उन्होंने ईद पर देश के नाम यह पैगाम दिया। वह अपने 24 साल के बेटे का शव आने का इंतजार कर रहे थे।