चमकेगी किस्मत, सच होंगे सारे सपने || Meditation: Recitation

BK Flying Angel

by BK Flying Angel

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जपें इस मन्त्र को हर रोज़ दो बार...

इसका अभ्यास करने से आप वह पा सकते हैं जिसके आप हक़दार हैं।

हम सभी इंसान परमात्मा की संतान हैं। जैसा पिता का रूप होता हैं वैसा ही संतान का रूप होता हैं। इससे स्पष्ट हैं की परमात्मा का अर्थ परम + आत्मा और उसकी संतान यानी कि हम सभी आत्मा हैं। हम इस शरीर में आते हैं अपना पार्ट निभाने।

अगर मेहनत करने से नहीं मिलती सफलता, तो इसका अभ्यास कीजिये।

Method (विधि): इसका अभ्यास हम एक जगह बैठकर या रुककर करना चाहिए। अभ्यास तो चलते-फिरते भी कर सकते हैं लेकिन हमे यह कोशिश करनी है की जो हम स्वमान 108 बार दोहरा रहे हैं वो हमे अनुभव करते हुए दोहराना हैं, तभी इसका प्रभाव जल्दी से होगा। हमें एक स्थान पर बैठना हैं और अनुभव या महसूस करना हैं कि... मैं आत्मा हूँ जोकि इस शरीर में रहती हूँ, मैं परम पिता की संतान हूँ और फिर... 108 बार दोहराना हैं या जाप करना हैं कि...
"मैं पद्मापदम भाग्यशाली विजयी आत्मा हूँ"
इसमें एक बात ध्यान देने वाली हैं कि केवल हमें दोहराना या जाप करना ही नहीं हैं, बल्कि हर बार जब हम बोले कि - मैं पद्मापदम भाग्यशाली विजयी आत्मा हूँ - हमें महसूस या अनुभव भी करना हैं ।

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