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जी हां, कण्डोम पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। लेकिन, किसी को लेटेक्स (आमतौर पर कण्डोम बनाने में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ) से एलर्जी हो, तो उसे नाक बहने और निम्न रक्तचाप तथा बहुत ही कम मामलों में श्वसन संबंधी दिक्कत भी हो सकती है। अगर ऐसी परेशानी आए तो पोलीयूरीथिन और लेमस्ट्रिंग से बने कण्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर कण्डोम को सही प्रकार पहना जाए, तो इसकी प्रभावकारिता अच्छी होती है। अगर कण्डोम ढीला हो तो यह फिसल सकता है, जिससे यौन संक्रमण, प्रेग्नेंसी और इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर यह बहुत ज्यादा टाइट हो, तो यह संभोग के दौरान ही फट भी सकता है, जिससे इसी तरह की परेशानियां हो सकती हैं। कुछ लोग कण्डोम से दूर रहना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि उत्तेजना के बाद ही कण्डोम पहना जा सकता है, इसलिए भी वे इससे दूर रहते हैं।
जी हां, कण्डोम पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। लेकिन, किसी को लेटेक्स (आमतौर पर कण्डोम बनाने में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ) से एलर्जी हो, तो उसे नाक बहने और निम्न रक्तचाप तथा बहुत ही कम मामलों में श्वसन संबंधी दिक्कत भी हो सकती है। अगर ऐसी परेशानी आए तो पोलीयूरीथिन और लेमस्ट्रिंग से बने कण्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर कण्डोम को सही प्रकार पहना जाए, तो इसकी प्रभावकारिता अच्छी होती है। अगर कण्डोम ढीला हो तो यह फिसल सकता है, जिससे यौन संक्रमण, प्रेग्नेंसी और इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर यह बहुत ज्यादा टाइट हो, तो यह संभोग के दौरान ही फट भी सकता है, जिससे इसी तरह की परेशानियां हो सकती हैं। कुछ लोग कण्डोम से दूर रहना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि उत्तेजना के बाद ही कण्डोम पहना जा सकता है, इसलिए भी वे इससे दूर रहते हैं।
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