Twelfth statue told the story like this --
At night king Vikramaditya sitting on the roof of the palace. The weather was so beautiful. Everything so clear likes a day. King was totally lost in the beauty of nature. Suddenly, they were shocked. He heard women's scream.
बारहवीं पुतली पद्मावती ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है-
एक दिन रात के समय राजा विक्रमादित्य महल की छत पर बैठे थे। मौसम बहुत सुहाना था। पूनम का चांद अपने यौवन पर था तथा सब कुछ इतना साफ-साफ दिख रहा था, मानों दिन हो। प्रकृति की सुन्दरता में राजा एकदम खोए हुए थे। सहसा वे चौंक गए। किसी स्त्री की चीख थी।
At night king Vikramaditya sitting on the roof of the palace. The weather was so beautiful. Everything so clear likes a day. King was totally lost in the beauty of nature. Suddenly, they were shocked. He heard women's scream.
बारहवीं पुतली पद्मावती ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है-
एक दिन रात के समय राजा विक्रमादित्य महल की छत पर बैठे थे। मौसम बहुत सुहाना था। पूनम का चांद अपने यौवन पर था तथा सब कुछ इतना साफ-साफ दिख रहा था, मानों दिन हो। प्रकृति की सुन्दरता में राजा एकदम खोए हुए थे। सहसा वे चौंक गए। किसी स्त्री की चीख थी।
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